हमारे बारे में
सन्देश
भारत की 70 प्रतिशत से अधिक जनता गावों में निवास करती है। ग्रामीणों से ग्राम सभा व ग्राम पंचायत अस्तित्व में आती है । प्राचीन काल से ही ग्रामीण विकास तथा न्याय व्यवस्था पंचायत आधारित रही है । भारत के इतिहास में वे ही शासन व्यवस्थाएँ सफल रहीं जिनकी पंचायत आधारित न्यायिक व्यवस्था अच्छी रही हैं। गांधी जी के सपनो के भारत का मूल भी ग्रामीण स्वशासन की सशक्तता ही था।
73 वे संविधान संशोधन के द्वारा पंचायतीराज व्यवस्था को एक नया रूप देते हुए पंचायतों को संवैधानिक दर्ज़ा दिया गया । इससे पंचायतीराज संस्थाओं के माध्यम से आम ग्रामीण समुदायों के लिए भागीदारी का मार्ग खुल गया है ।
उत्तराखंड राज्य में पंचायतों के सशक्तिकरण हेतु अनेको योजनाऐ संचालित की जा रही हैं। केन्द्र सरकार के सहयोग एवं राज्य सरकार के माध्यम से संचालित की जा रही इन लाभकारी योजनाओं के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं । पंचायतीराज विभाग का प्रयास हैं कि गावों के आखिरी व्यक्ति तक योजनाओं के लाभ मिल सके।
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आज का सुविचार
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नवीनतम योजनाएं
पंचायती राज विभाग में संचालित योजनायें
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के पदों हेतु आवश्यक सूचना.
प्रशिक्षण हेतु संस्थाओं का सूचिबधिकरण.
1. प्रशिक्षण हेतु विज्ञप्ति.
2. प्रशिक्षण घटक : SWM Policy
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